मजदुरों और किसानों ने समझी देश की आवश्यकता
खरगोन 11 अप्रैल 2020/ प्राचीन कहावत है बुंद-बुंद से ही घड़ा भरता है। इस कहावत को महेश्वर में ग्राम कवड़िया के मजदुर और किसानों ने चरितार्थ किया है। एक दिन कवड़िया के किसान मानसिंह पटेल जब अपने खेत से लौटकर टीवी चालु किया तो देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित करते देखा। उस दिन प्रधानमंत्री ने देश के हर नागरिकों से आव्हान किया कि देश कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है। ऐसे समय में देश को हर नागरिक के सहयोग की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रधानमंत्री राहत कोष में राशि जमा करने का आव्हान किया। यह आव्हान मानसिंह ने भी सुना तो उन्हाने अपने गॉवों के मजदुरों और किसानों से देश के लिए कुछ करने की अपील की। सभी को मानसिंह की बात जंच गई। फिर तो गॉव में किसी ने आर्थिक सहयोग तो किसी ने अपने घर से अनाज तक दान कर दिया। करीब 40 घरों के इस गॉव से हर एक परिवार ने कुछ न कुछ सहयोग किया। मजदुरों और किसानों ने 3 क्विंटल 37 किलो गेहूॅ एकत्रित किया जिसे बेंचकर अब तक 6100 रूपये राशि जुटाई है। वास्तव में आपदा की इस घड़ी में कवड़िया गॉव के मजदुरों और किसानो ने दिखा दिया है कि उनके लिए मातृभूमि और देश सबसे पहले है। भले ही राशि अधिक नहीं है मगर उनकी सोच और देश के प्रति उनका योगदान और साहस बहुत बड़ा है। वाकई देश का जवान और किसान मिलकर किसी भी आपदा से लड़कर जीत सकते है।
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