विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत विशेष व्याख्यान का किया आयोजन


खरगोन 02 मार्च 2020। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरगोन में विश्व बैंक परियोजना अंतर्गत सोमवार को विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। विशेष वक्ता अर्थशास्त्र विभाग के विशेष अतिथि प्रो. रेखा आचार्य ने कहा कि इंदौर को वाणिज्यक भी कहां जाता हैं, लेकिन हम खरगोन शहर में आते ही लगा की आज भी हमारे देश की सांस्कृति, रहन-सहन वातावरण जीवित है। अर्थव्यवस्था उपभोक्ता उत्पादकता सरकारी, बाहरी क्षेत्र चार क्षेत्र पर अर्थव्यवस्था टिकी रहती हैं देश के विकास के लिए आय व्यय का एक खाता तैयार कर प्रस्तुत करना बजट कहलाता हैं। आर्थिक विकास, वित्तीय घाटा सरकार की आय में कमी आना आर्थिक विकास विनिवेश के माध्यम से नहीं होना चाहिए। डॉ. संजय जैन ने कहा कि ऑलपिन से लेकर औद्योगिककृत देश बनाया। हिंदू निर्माता विश्व मानव पांच गुण बताएं। इनमें सोच का वैज्ञानिक तरीका, अतृप्त ज्ञान की उपासना, प्रजातंत्र में आस्था, समाजवादी सरोकार शामिल है। लोकतंत्र में अस्था सहिष्णुता व अलोचनात्मक दृष्टिकोण में विश्वास विरोध में सामंजस्य स्थापित कर लेना।
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व्हाट्सअप से नहीं बदलने वाली है दुनिया
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कार्यक्रम के दौरान हिन्दी साहित्य विभाग के डॉ. पुष्पेंद्र दुबे ने अपना व्याख्यान आलोचना शास्त्र विषय पर दिया और कहां कि व्हाट्सअप आदि से दुनिया बदलने वाली नही हैं। प्रत्यक्ष रूप से ही संपर्क में आने से ही बात बनती हैं। हमारी किसी चीज को देखने की दृष्टि बहुत महत्वपूर्ण है। कम्प्यूटर के क्षेत्र में, ट्रांसलेशन के क्षेत्र में भाषा का क्षेत्र करियर के क्षेत्र में एक नया आयाम हैं। प्रो. सरिका दीक्षित ने समाजशास्त्र विषय पर अपना प्रस्तुतिकरण पीपीटी के माध्यम से विद्यार्थियों को शोध प्रविधि के बारे में व्याख्यान से अवगत करवाया। स्वागत भाषण प्राचार्य डॉ. आरएस देवड़ा द्वारा दिया गया। इस अवसर पर डॉ. महेश गुप्ता, डॉ. एमएस भंवर, डॉ. अरोरा, डॉ. पी गुप्ता, डॉ. कैलाश राय, डॉ. यूएस बघेल, डॉ. आरआर आर्य, डॉ. सुरेश अवासे, डॉ. वंदना बर्वे, प्रो. संजय कोचक सहित महाविद्यालय विद्यार्थी उपस्थित रहे।


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