दाईयों को मिलेगी 300 रूपए प्रोत्साहन राशि
जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में कलेक्टर ने दिए निर्देश
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खरगोन 05 मार्च 2020। स्वामी विवेकानंद सभागृह में गुरूवार को कलेक्टर श्री गोपालचंद्र डाड ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित की जाने वाली लक्ष्य परख कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान सामने आया कि जिले के आदिवासी विकासखंड भगवानपुरा और झिरन्या में संस्थागत प्रसव में प्रगति चिंताजनक है। समीक्षा के दौरान ही सामने आया कि इन अति दुर्गम क्षेत्रों में समय, भौतिक दूरी तथा प्रसव केंद्र की कमी होने के कारण संस्थागत प्रसव में लक्ष्यानुरूप प्रगति नहीं हो पाई है। इन बिंदुओं पर संबंधित बीएमओ से निराकरण पर जानकारी चाही गई। कलेक्टर श्री डाड ने तुरंत इन दो विकासखंडों के लिए दाईयों द्वारा किए जाने वाले प्रसव की प्रोत्साहन राशि 300 रूपए प्रदान करने के निर्देश दिए, जिससे संस्थागत प्रसव में इजाफा हो सके। साथ ही पीपलझोपा व झिरन्या विकासखंड में बंद पड़े प्रसव केंद्र को 5 दिनों के भीतर प्रारंभ करने के भी निर्देश दिए। चूंकि यह केंद्र निर्माणाधीन है, जिनका 90 प्रतिशत से अधिक का कार्य पूर्ण हो चुका है। कलेक्टर श्री डाड ने निर्माण एजेंसी ग्रामीण विकास विभाग को 5 दिनों के भीतर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। वहीं महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा प्रथम एएनसी, पंजीयन एवं अन्य समस्त सेवाएं निर्धारित अवधि में लक्ष्यानुरूप करती है, तो उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा उचित पुरस्कृत की जाने की घोषणा भी की गई, ताकि सुरक्षित संस्थागत प्रसव हो सके।
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एनआरसी केंद्रों पर कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ाएं
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समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्री डाड ने निर्देश दिए कि जिले के एनआरसी केंद्रों पर कुपोषित बच्चों की संख्या काफी कम होने लगी है। महिला एवं बाल विकास विभाग इस कार्य में प्रगति लाएं तथा स्वास्थ्य विभाग इनके पोषण संबंधी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संपादित करें। स्वास्थ्य विभाग को कलेक्टर श्री डाड ने निर्देश दिए कि महिला एवं बाल विकास विभाग, जो बच्चे लेकर आ रहे है, उन्हें आवश्यक रूप से एनआरसी केंद्रों में भर्ती कराएं। वहीं 85 हेल्थ वेलनेस सेंटर का निर्माण कार्य चल रहा है, जो अब तक पूर्ण नहीं हुआ है। इस संबंध में निर्माण एजेंसी आरईएस विभाग को पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके अलावा मिशन इंद्रधनुष के अंतर्गत तृतीय चरण की जानकारी प्रस्तुत की गई। इस चरण में मॉनीटरिंग व मोबीलाईजेशन जैसी कमियां सामने आई। इस पर कलेक्टर श्री डाड ने नाराजगी व्यक्त करते हुए इन दो महत्वपूर्ण बिंदुओं को चौथे चरण में विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। बैठक में सीएमएचओ डॉ. रजनी डावर, सिविल सर्जन डॉ. राजेंद्र जोशी, शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय भट्ट, डॉ. महेंद्र बड़ोले, डॉ. अनुपम अत्रे सहित समस्त बीएमओ व स्वास्थ्य केंद्रों के बीपीएम उपस्थित रहे।
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