जायद फसलों के लिए जल प्रदाय करने के लिए बैठक संपन्न


खरगोन 14 फरवरी 2020। जिले की मुख्य परियोजनाओं से किसानों को रबी फसलों में सिंचाई उपलब्ध कराने के बाद बचे जल से जायद की फसलों में जल उपलब्ध कराने के लिए जल उपयोगिता समिति की बैठक शुक्रवार को कलेक्टर श्री गोपालचंद्र डाड की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में किसान कल्याण तथा कृषि विकास संचालनालय भोपाल द्वारा जारी पत्रानुसार जिले की वृहद और मध्यम सिंचाई परियोजना में उपलब्ध जल को जायद फसलों में उपयोग करने के लिए रखी गई। बैठक में जल संसाधन विभाग के तालाबों से जायद फसलें और जिले के दो महत्वपूर्ण नगरों में पेयजल के लिए जल आरक्षित करने पर चर्चा की गई। बैठक में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री ब्राह्मणे, इंदिरा सागर परियोजना के कार्यपालन यंत्री श्री परस्ते, अपर वेदा के कार्यपालन यंत्री श्री गुप्ता, औंकारेश्वर परियोजना के कार्यपालन यंत्री ललित वर्मा और कृषि, उद्यानिकी व नगर पालिका के अधिकारी उपस्थित रहे।
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15 मई तक इंदिरा व औंकारेश्वर परियोजना के होंगे कार्य
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बैठक में इंदिरा सागर परियोजना के कार्यपालन यंत्री श्री परस्ते ने बताया कि इंदिरा सागर की मुख्य नहर से छेगांव माखन, बिंजवाड़ा, अंबा-रोड़िया, चौड़ी-जामन्या, बिस्टान व बलकवाड़ा उद्वहन सिंचाई परियोजना के पंप हाउसों का कार्य किया जाएगा। पंप हाउसों को पूर्ण करने के पश्चात मैन कैनाल से इनके कनेक्शन किए जाएंगे। तब तक इन इंदिरा सागर परियोजना से सिंचाई परियोजना का कार्य सिंचाई लाभ से प्रभावित होगा। वहीं औंकारेश्वर परियोजना की मुख्य नहर में भी मरम्मत का कार्य किया जाएगा। इस परियोजना से 15 अप्रैल के पश्चात बंद होगा। इस कारण जायद फसलों के लिए पानी नहीं छोड़ा जा सकेगा।
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अपर वेदा से 2 क्यूसेक जल प्रतिदिन छोड़ा जाएगा
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जल संसाधन विभाग के अपर वेदा बांध से नदी मार्ग से प्रतिदिन 2 क्यूसेक पानी जायद फसलों के लिए छोड़ा जाएगा। 40 दिनों तक यह पानी कुल 8 एमसीएम तक उपलब्ध होगा। इसके अलावा भीकनगांव में पेयजल के लिए भी जल आरक्षित किया गया है। वहीं खरगोन शहर को जल उपलब्ध कराने के लिए पहले देजला देवाड़ा से लगभग 0.5 एमसीएम पानी उसके बाद खारक डेम में 8 एमसीएम पेयजल आरक्षित किया गया है। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री ब्राह्मणे ने बताया कि किसानों को सिंचाई के लिए तीसरा पानी उपलब्ध कराने के बाद 8 एमसीएम पानी बचाया जाएगा। इसके पश्चात खरगोन शहर के लिए आरक्षित होगा। साथ ही जल निगम ने भी जल संसाधन विभाग से 8 एमसीएम पानी आरक्षित करने के लिए पत्र लिखा है।


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