एनपीआर के अंतर्गत कोई भी दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा-कलेक्टर
जनगणना को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ समापन
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खरगोन 25 फरवरी 2020। भारत की जनगणना के कार्य के दौरान राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अघतन करने का कार्य भी किया जाएगा। पूर्व में एनपीआर वर्ष 2010 से शुरू हुआ था, जिसे वर्ष 2015 में अपडेट किया गया था। जिसके बाद अब 2020 में पुनः अपडेशन का कार्य किया जाएगा। कलेक्टर श्री गोपालचंद्र डाड ने प्रशिक्षण के दूसरे दिन प्रथम सत्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अधिकारियों व अमले से कहा कि प्रगणकों द्वारा घर-घर जाकर डेटा एकत्रित करने का कार्य किया जाएगा। ध्यान रहें कि परिवारों से इसमें किसी भी तरह के दस्तावेज की मांग उनके द्वारा नहीं की जाएगी। यह कार्य केवल अपडेशन का है, दस्तावेज जुटाने का नहीं। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर अपडेट करने का उद्देश्य केवल सामान्य निवासियों का एक व्यापक डेटाबेस तैयार करना है। जन्म, मृत्यू एवं प्रवास के कारण हुए परिवर्तनों को सम्मिलित करने के लिए इसे पुनः अघतन किया जाएगा। नए परिवारों व निवासियों को भी इसमें जोड़ा जाएगा। प्रशिक्षण में जिला पंचायत सीईओ श्री डीएस रणदा, जिला सांख्यिकी अधिकारी डॉ. पीएस मालवीय, समस्त अनुभागों के एसडीएम, तहसीलदार व नायब तहसीलदार उपस्थित रहे।
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1 मई से 14 जून तक होगा प्रथम चरण
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जिले में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अघतन करने का कार्य 1 मई से 14 जून 2020 तक जनगणना-2021 के प्रथम चरण के साथ किया जाएगा। इसमें मकानों की सूची बनाकर मकानों की गणना की जाएगी। जनगणना कार्यालय भोपाल से आए रजनीश कुमार भार्गव एवं वरिष्ठ पर्यवेक्षण लक्ष्मण मोटवे द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर 2010/2015 का डाटा अघतन करने के लिए एनपीआर डेटाबेस में पूर्व से उपलब्ध आधार, मोबाईल अथवा अन्य डाटा पर आधारित ऑनलाईन अघतन की सुविधा परिवार के मुखिया या अन्य किसी सदस्यों को दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। एनपीआर-2020 के तहत प्रगणक 23 प्रकार के प्रश्न करेगा, जो समान्यतः परिवार के सदस्य, निवास, जन्म, मोबाईल नंबर, वोटर आईडी, एज्युकेशन, व्यवसाय, भाषा, विवाह की स्थिति, लिंग आदि के बारे में पूछा जाएगा।
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