कुपोषित बच्चों में होने लगा चमत्कारिक बदलाव
संभाग में खरगोन कुपोषण मुक्ति की दिशा में सबसे आगे
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खरगोन 09 जनवरी 2020। कुपोषण मुक्त इंदौर संभाग अभियान में खरगोन ने सबसे अधिक अतिकम वजन वाले बच्चों में अद्भूत परिवर्तन लाकर दिखाया है। गत दिवस बुधवार को इंदौर संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी ने समीक्षा की। समीक्षा के दौरान खरगोन जिले को शाबासी भी दी है। ज्ञात हो कि इंदौर संभाग के आयुक्त श्री त्रिपाठी ने 1 जुलाई से 31 दिसंबर 2019 तक कुपोषण युक्त इंदौर संभाग अभियान प्रारंभ किया था। 15 जुलाई को जिले में 4931 अतिकम वजन वाले बच्चें थे। जबकि खरगोन में 31 दिसंबर 2019 की स्थिति में 2430 बच्चों का अतिकम से परिवर्तन होकर कम वजन में परिवर्तन किया हैं। वहीं 210 बच्चों को सामान्य श्रेणी में परिवर्तन कर दिखाया है। संभागायुक्त श्री त्रिपाठी के इस अभियान में कई ऐसे बच्चें अतिकम वजन से सामान्य श्रेणी में आए है, जिनके स्वास्थ्य की कल्पना करना भी संभव नहीं था। इनके स्वास्थ्य के पीछे न सिर्फ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने जी-तोड़ मेहनत की, बल्कि उनके माता- पिता ने भी महिला बाल विकास विभाग के साथ हर संभव प्रयास किए।
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जन्म के समय 1 किलो का हुआ था राम
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आज से लगभग 20 माह पूर्व भगवानपुरा विकासखंड के ग्राम दाउदखेड़ी के सावलसिंह व नीलू के घर 28 मई 2018 को राम का जन्म हुआ। राम का जन्म सामान्य से राम अतिकम वजन के साथ मात्र 1 किलो का हुआ। राम का अतिकम वजन से माता-पिता तो चिंतित हुए, लेकिन डॉक्टर ज्यादा चिंतित हुए और माता नीलू को डॉक्टर को कंगारू की भांति अपने बच्चों को सीने से लगाकर दूध पिलाने की सलाह दी। इधर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सेवंती वर्मा भी बच्चें के वजन के कारण नियमित रूप से गृह भेंट करती रही और कंगारू मदर केयर के बारे में समझाईश देती रहीं। राम का वजन तो बढ़ने लगा, लेकिन अचानक दस्त लग जाने से उसकी हालात और खराब हो गई। मात्र दो माह बाद दस्त हो जाने के बाद राम को एनआरसी में भर्ती कराया गया। 10 दिनों तक एनआरसी सेंटर से छुट्टी की गई उस समय 2 किलो 200 ग्राम राम का वजन था। इसके ठीक 2 महिनें बाद राम को तेज बुखार होने के बाद लगे मे सुजन की शिकायत भी होने लगी। पुनः राम को एनआरसी में भर्ती करने के बाद कार्यकर्ता सेवंती ने प्रण कर राम के स्वास्थ्य का हर दिन ख्याल करते हुए सप्ताह में तीन दिन अंडे, तीन दिन केले और प्रतिदिन नाश्ता कराती रहीं। अब राम के स्वास्थ्य में परिवर्तन हुआ है और उसके वजन में भी। आज उसका वजन 6 किलो 700 ग्राम हो गया है और निरंतर वजन में वृद्धि होने लगी है।
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13 भाई बहनों में हरिओम का सबसे कम वजन
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अहिरखेड़ा में 4 वर्षीय हरिओम के 12 भाई-बहन है। उन सभी में हरिओम सबसे कम वजन का हुआ। माता-पिता दोनों मजदूरी करते है और हरिओम बार-बार बीमार होता रहा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा नियमित समझाईश और सेवफल, केला व नाश्ता दिया गया। हरिओम के घर भैंस होने से नियमित एक ग्लास दूध देना भी प्रारंभ कर देना फायदेमंद रहा। अब हरिओम अतिकम वजन से सामान्य श्रेणी में प्रवेश कर गया है।
फोटो-01 (27 सितंबर को एनआरसी में दोबारा भर्ती कराने के बाद राम का लिया गया वजन
फोटो-02 (वजन बढ़ने के बाद राम)
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