युद्ध की दास्तां सुनाते सैनिकों के छलके आंसू
टॉउन हॉल में मनाया विजय दिवस, सैनिकों ने सुनाई अपनी यादें
खरगोन 16 दिसंबर । 1971 में भारत और पाकिस्तान के मध्य हुए घमासान युद्ध के विजय को विजय दिवस रूप के मनाया जाता है। 16 दिसंबर की इसी की याद के लिए मप्र शासन द्वारा पूरे प्रदेशभर में जिला स्तरीय और प्रत्येक शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिला स्तरीय कार्यक्रम स्थानीय नपा टॉउन हॉल में आयोजित किया गया। जिले की स्कूलों में 1971 के युद्ध पर आधारित डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम की रूपरेखा अनुसार कार्यक्रम की मुख्य अतिथि भीकनगांव विधायक श्रीमती सोलंकी ने मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ का संदेश वाचन किया। इससे पूर्व विधायक श्रीमती सोलंकी ने 1971 में शहीद हुए अमर सैनिकों को याद करते हुए श्रृद्धांजलि दी। वहीं इस युद्ध में जिले के सेवानिवृत्त सैनिकों का शॉल व श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री संदेश वाचन में 16 दिसंबर को 48 वर्ष पूर्व भारतीय सेना के द्वारा पाकिस्तान पर विजय प्राप्त करने पर शहीद जवानों को श्रृद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ श्री डीएस रणदा, अपर कलेक्टर श्री एमएल कनेल, नपा सीएमओ निशिकांत शुक्ला, स्वास्थ्य अधिकारी प्रकाश चित्ते सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
==============
जब हमने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया-आजाद खान
==============
सन् 1971 में लड़े गए भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले खरगोन के जाबांज सिपाही आजाद खान ने जब युद्ध की दास्तां सुनाने लगे, तो उनकी आंखों से आंसू छलकने लगे। यह देख वहां मौजूद सभी नागरिकों ने उनकी उस याद को अपने जेहन में बसा लिया। उनकी यादें शब्दों के माध्यम से नागरिकों के बीच आकर बैठ गई। आजाद खान ने कहा कि युद्ध का वह दिन जब हमने पाकिस्तान को उनके हमलें का मुंहतोड़ जवाब दिया। उस दिन हम सैनिकों ने देश को गौरवांवित होने का अवसर प्रदान किया था, जिसका आज भी हमें गर्व है। आजाद खान ने 1971 की दास्तां सुनाते हुए कहा कि शेख मुजीबुर रहमान ने तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी से कहा था कि हमें आजादी चाहिए, तो उन्होंने वाकई आजादी प्रदान की और यह आजादी बांग्लादेश के रूप में हमारे सामने है। आजाद खान ने कारगील युद्ध में शहीद हुए घुघरियाखेड़ी के जवान को भी याद करते हुए अपने संबोधन से ही सलामी दी।
==============
एमबीबीएस में चयन होने के बावजूद सेना में जाना किया पसंद
==============
जैतापुर के सुरेशचंद्र सोलंकी जो सेना में 1969 में सेना में शामिल हुए थे। विजय दिवस के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि उस समय उनका एमबीबीएस में भी चयन हो गया था, लेकिन उन्हें मनोज कुमार की उपकार फिल्म से सेना में जाने की प्रेरणा मिली और वे सेना में भर्ती होकर देश की सबसे बड़ी जीत के अहम हिस्सा बनें। वे आज गौरवांवित है। विजय दिवस के अवसर पर बजरंग नगर जैतापुर के बोखार शरदचंद्र ने भी संबोधित कर युद्ध के दौरान उनके द्वारा की गई सेवा और युद्ध के हालातों के बाद जीत जश्न की यादें सुनाई। इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्री सुनील पांडेय ने 1971 में शहीद हुए सभी सैनिकों को श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि दुनिया के इतिहास में यादगार दिन है। यह दिन देश का ऐसा दिन था, जो सभी को गौरवांवित करता रहेगा। श्री पांडेय ने कहा कि हम सेना में रहकर ही सेवा करें यह जरूरी नहीं। हम देश के भीतर रहकर भी अपनी देशभक्ति का जज्बा सेवा करके निभा सकते है।
==============
इनका हुआ सम्मान
==============
विजय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में 1971 के युद्ध में शामिल हुए सेवानिवृत्त सैनिकों को सम्मानित किया गया। इनमें कई सैनिक खरगोन से बाहर होने के कारण नहीं आ सके। उनके स्थान पर उनके परिजनों का सम्मान किया गया। सम्मान पाने वाले सैनिकों में सुरेशचंद्र सोलंकी, श्रीकृष्ण बार्चे, बोखार शरदचंद्र, बाबुलाल यादव और प्रहलाद जी श्रीराम श्रीमाली का शॉल व श्रीफल से विधायक श्रीमती सोलंकी व पुलिस अधीक्षक श्री पांडेय द्वारा सम्मान किया गया। इस दौरान संजय कोचक एवं दल द्वारा देशभक्ति पर आधारित गीत भी प्रस्तुत किया। वहीं खरगोन के कवि मांगीलाल राणे ने देशभक्ति पर आधारित कविता भी सुनाई। कार्यक्रम का संचालक राजकुमार शर्मा एवं केबी मंशारे ने किया।
Comments
Post a Comment