वरदान साबित हो रही है पीडीएस की पोर्टेबिलिटी सुविधा
02 दिसंबर
खरगोन । राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पात्र परिवारों को रियायत दर पर खाद्य सामग्री प्रदान की जाती है। इसी व्यवस्था के अंतर्गत गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों के लिए पोर्टेबिलिटी की सुविधा वरदान साबित हो रही है। यह पोर्टेबिलिटी सुविधा अब पात्र परिवार जहां अपनी खाद्य प्राप्त करना चाहता है, वह इसके तहत आसानी से प्राप्त कर सकता है। यह सब संभव हुआ ऑनलाईन डेटा और शासन की दुरदृष्टी के कारण। खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में ऐसे 7826 उपभोक्ता है, जो इस सुविधा का उपयोग कर रहे है। पोर्टेबिलिटी की यह सुविधा मजदूर और कहीं बाहर जाकर कार्य करने वाले लोगों के लिए अतिमहत्वपूर्ण सुविधा है, जिन्हें अपना रियायत दर वाला अनाज लेने अपने निवास स्थान पर नहीं आना पड़ता है। खाद्य आपूर्ति अधिकारी श्रीमती नुजहत बकई ने बताया कि इस सुविधा से कई पात्र परिवारों को सिर्फ अपना अनाज प्राप्त करने के लिए कहीं ओर से नहीं आना पड़ता है। वे जिस शासकीय उचित मूल्य की दुकान से सामग्री प्राप्त करना चाहते है, वहां जाकर अपनी पात्रता पर्ची या अपना आधार व समग्र आईडी दिखाकर अनाज ले सकते है। अब ऑनलाईन सुविधा होने से संबंधित सेल्समेन द्वारा उसकी ऑनलाईन इंट्री कर दी जाती है, जिससे पुरा डेटा प्रणाली के तहत प्रमाणित हो जाता है।
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अयान और आवेश 200 रूपए खर्च करके लेने जाते थे अनाज
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आवेश इरशाद खान जो धार जिले के बाकानेर के रहने वाले है और यहीं पर उनकी पात्रता पर्ची जारी भी हुई है। जब यह सुविधा नहीं थी, तब इन्हें 25 किलो गेहूं व 5 किलो चावल लेने बाकानेर जाना पड़ता था। आवेश खरगोन की किसी बेकरी में 150 से 200 रूपए प्रतिदिन पर मजदूरी करते है। उन्हें अनाज लेने के लिए बकानेर जाने के लिए न सिर्फ 200 रूपए खर्च करने पड़ते है और एक दिन मजदूरी से अवकाश भी लेना पड़ता है। पोर्टेबिलिटी की यह सुविधा आवेश पिछले चार माह से ले पा रहा है। आवेश को अब बाकानेर आने व जाने का झंझट पोर्टेबिलिटी की सुविधा ने दूर कर दिया है। ऐसे ही निमरानी के अयान समीर शेख है, जो खुद भी खरगोन आकर राजेंद्र नगर में रहकर किसी बेकरी में मजदूरी करता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत वे भी रियायत दर पर अनाज प्राप्त करने की पात्रता रखता है। पोर्टेबिलिटी की सुविधा से उसे भी निमरानी से नहीं बल्कि खरगोन के औरंगपुरा से ही खाद्यान्न सामग्री मिल जाती है। आवेश की तरह अयान भी पिछले चार माह से इस सुविधा का लाभ ले रहा है।
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