शतचंडी महायज्ञ के पहले बाकीमाता मंदिर शिखरों पर स्थापित होगें छः पीतल के कलश
देह प्रायश्चित के पश्चात निकली भव्य शोभयात्रा।
1 दिसम्बर
खरगोन - शहर के सराफा स्थित बाकीमाता मंदिर में होने वाले शतचंडी महायज्ञ के पहले पीतल के छः शिखर कलश स्थापित किए जाऐंगे। लगभग 300 साल पुराने मंदिर का जिर्णोध्दार पीछले वर्ष किया गया, जिसके तहत रविवार से वास्तु शांति एवं शतचंडी महायज्ञ की शुरूआत होगी एवं पूर्णाहुति 7 दिसम्बर को होगी। शनिवार को पंडित निशांत परसाई, वैभव भट्ट, प्रशांत वोरे, दीपक नाईक, राहुल खोड़े, आदी ने मुख्य यजमान अनिल उपाध्याय, शिवम उपाध्याय, आदित्य उपाध्याय सहीत अन्य यजमान परिजनों का देह प्रायश्चित कराते हुए, मंदिर के झीरे पर जल पूजन कराया। इसके बाद कलश यात्रा निकाली, जिसमे 9 छोटी छोटी बालिकाएं कलश शिरोधार्य कर आगे आगे चल रही थी। शोभायात्रा में जम्बू ब्राह्मण समाज के सदस्यों के साथ अन्य समाज जन बड़ी संख्या में शामिल थे देवस्थान समिति के दीपक धोड़े ने बताया की मंदिर पर धातु कलश स्थापित करने का मनोरथ सराफा व्यवसाई श्री गोपाल कृष्ण गुप्ता ने पुरा किया।
आज होगा अग्निस्थापन,
सप्ताह भर चलने वाले शतचंडी महायज्ञ की शुरूआत रविवार को पंचकर्म, अग्निस्थापन, पीठस्थापन एवं पाठ आरंभ से होगा। वरिष्ठ पुजारी श्री रामेश्वरजी भट्ट ने जानकारी दी की श्री दुर्गासप्त सती के 108 पाठ करने को शतचंडी यज्ञ कहा जाता। मदिर में आयोजित इस महायज्ञ का उद्ेश्य सभी के लिए सुख शांति एवं समृध्दि है। मंदिर पूजारी रामकृष्ण भट्ट ने जानकारी दी कि यज्ञ के दौरान मंदिर में प्रवेश हेतु पवित्रता के लिए छोती पहनने वालों को ही प्रवेश रहेगा। अन्य दर्शनार्थी मंदिर के बहार से ही दर्शन लाभ लेगें।
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